भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स का नाम आज कौन नहीं जानता! यह नाम है एक ऐसी असाधारण महिला का, जिनके नाम अनेक रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने अंतरिक्ष में 194 दिन, 18 घंटे रहकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। यह पुस्तक उसी अप्रतिम महिला की असाधारण इच्छाशक्ति, दृढ़ता, उत्साह तथा आत्मविश्वास की कहानी है। उनके इन गुणों ने उन्हें एक पशु-चिकित्सक बनने की महत्त्वाकांक्षा रखनेवाली छोटी बालिका से एक अंतरिक्ष-विज्ञानी, एक आदर्श प्रतिमान बना दिया। अंतरिक्ष में अपने छह माह के प्रवास के दौरान वे दुनिया भर के लाखों लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रहीं।
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स का नाम आज कौन नहीं जानता! यह नाम है एक ऐसी असाधारण महिला का, जिनके नाम अनेक रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने अंतरिक्ष में 194 दिन, 18 घंटे रहकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। यह पुस्तक उसी अप्रतिम महिला की असाधारण इच्छाशक्ति, दृढ़ता, उत्साह तथा आत्मविश्वास की कहानी है। उनके इन गुणों ने उन्हें एक पशु-चिकित्सक बनने की महत्त्वाकांक्षा रखनेवाली छोटी बालिका से एक अंतरिक्ष-विज्ञानी, एक आदर्श प्रतिमान बना दिया। अंतरिक्ष में अपने छह माह के प्रवास के दौरान वे दुनिया भर के लाखों लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रहीं।