Author: | Acharyashri Sudarshanji Maharaj | ISBN: | 9789352617708 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. | Publication: | January 13, 2017 |
Imprint: | Language: | Hindi |
Author: | Acharyashri Sudarshanji Maharaj |
ISBN: | 9789352617708 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. |
Publication: | January 13, 2017 |
Imprint: | |
Language: | Hindi |
गीता केवल इसलिए आवश्यक नहीं है कि यह भगवान श्रीकृष्ण की वाणी है । गीता इसीलिए आवश्यक है कि यह भारत की संस्कृति की आत्मा है । यह आवश्यक इस रूप में है कि इसमें जीवन के रहस्यों का स्पष्ट दर्शन कराया गया है, गीता यहाँ इसलिए आवश्यक है कि एक गुरु अपने शिष्य को पढ़ाने के पहले कैसे तैयार करता है, ताकि वह उसके ज्ञान को स्वीकार कर सके । गीता इसलिए भी आवश्यक है कि यह हमें जीवन जीना सिखाती है । क्या कोई इतने महत्त्वपूर्ण विषय पर कोई प्रश्न उठा सकता है? गीता तो जीवन की कहानी कहती है और जीवन असीम संभावनाओं की संभावना है ।
गीता केवल इसलिए आवश्यक नहीं है कि यह भगवान श्रीकृष्ण की वाणी है । गीता इसीलिए आवश्यक है कि यह भारत की संस्कृति की आत्मा है । यह आवश्यक इस रूप में है कि इसमें जीवन के रहस्यों का स्पष्ट दर्शन कराया गया है, गीता यहाँ इसलिए आवश्यक है कि एक गुरु अपने शिष्य को पढ़ाने के पहले कैसे तैयार करता है, ताकि वह उसके ज्ञान को स्वीकार कर सके । गीता इसलिए भी आवश्यक है कि यह हमें जीवन जीना सिखाती है । क्या कोई इतने महत्त्वपूर्ण विषय पर कोई प्रश्न उठा सकता है? गीता तो जीवन की कहानी कहती है और जीवन असीम संभावनाओं की संभावना है ।