Author: | Subhash Lakhotia | ISBN: | 9789352611478 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. | Publication: | July 13, 2016 |
Imprint: | Language: | Hindi |
Author: | Subhash Lakhotia |
ISBN: | 9789352611478 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. |
Publication: | July 13, 2016 |
Imprint: | |
Language: | Hindi |
लखपति कैसे बने? यह पुस्तक भारत के लाखों करोड़ों व्यक्तियों के समक्ष प्रस्तुत करने में मुझे बेहद प्रसन्नता हो रही है और ऐसे व्यक्ति जो आज लखपति नहीं हैं, किंतु बनना चाहते हैं, उनके लिए यह पुस्तक वास्तव में कारगर साबित होगी। मेरा मानना है कि यदि कोई व्यक्ति इस पुस्तक में लिखी हुई बातों का चिंतन करेगा, मनन करेगा और क्रियान्वयन करेगा तो निश्चित रूप से वो व्यक्ति लखपति हो पायेगा। मुझे याद आ रहा है एक वर्ष पूर्व मैंने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम था - लखपति से करोड़पति कैसे बनें। पुस्तक काफी अच्छी बिकी। भारत से ढेर सारे पत्र आये और मुझे खुशी हुई कि लोगों को लखपति से करोड़पति बनने की प्रेरणा उस पुस्तक ने दी। किंतु साथ साथ ऐसे पत्र, टेलीफोन और ई-मेल भी आये जहां पर लोगों ने अफसोस जाहिर किया कि हमारे लिए यह पुस्तक काम की नहीं है क्योंकि अभी तो हमारे पास लाखों रुपये भी नहीं हैं, तो करोड़पति बनने की क्या सोचें? अतः ऐसे व्यक्तियों की इच्छा थी कि उन्हें कुछ ऐसा बतलाया जाये जिससे वे लखपति बन सकें। इस बात से प्रेरित हो कर मैंने यह पुस्तक लिखी। मुझे पूरा भरोसा है कि हमारे पाठक इस पुस्तक को पढ़कर और इसमें लिखी हुई बातों को अमल में लाकर लखपति बनने की ओर कदम बढ़ाएंगे।
लखपति कैसे बने? यह पुस्तक भारत के लाखों करोड़ों व्यक्तियों के समक्ष प्रस्तुत करने में मुझे बेहद प्रसन्नता हो रही है और ऐसे व्यक्ति जो आज लखपति नहीं हैं, किंतु बनना चाहते हैं, उनके लिए यह पुस्तक वास्तव में कारगर साबित होगी। मेरा मानना है कि यदि कोई व्यक्ति इस पुस्तक में लिखी हुई बातों का चिंतन करेगा, मनन करेगा और क्रियान्वयन करेगा तो निश्चित रूप से वो व्यक्ति लखपति हो पायेगा। मुझे याद आ रहा है एक वर्ष पूर्व मैंने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम था - लखपति से करोड़पति कैसे बनें। पुस्तक काफी अच्छी बिकी। भारत से ढेर सारे पत्र आये और मुझे खुशी हुई कि लोगों को लखपति से करोड़पति बनने की प्रेरणा उस पुस्तक ने दी। किंतु साथ साथ ऐसे पत्र, टेलीफोन और ई-मेल भी आये जहां पर लोगों ने अफसोस जाहिर किया कि हमारे लिए यह पुस्तक काम की नहीं है क्योंकि अभी तो हमारे पास लाखों रुपये भी नहीं हैं, तो करोड़पति बनने की क्या सोचें? अतः ऐसे व्यक्तियों की इच्छा थी कि उन्हें कुछ ऐसा बतलाया जाये जिससे वे लखपति बन सकें। इस बात से प्रेरित हो कर मैंने यह पुस्तक लिखी। मुझे पूरा भरोसा है कि हमारे पाठक इस पुस्तक को पढ़कर और इसमें लिखी हुई बातों को अमल में लाकर लखपति बनने की ओर कदम बढ़ाएंगे।