आचार्य चतुरसेन कुशल उपन्यासकार होने के साथ-साथ प्रतिष्ठित चिकित्सक भी थे। चिकित्सा उनका व्यवसाय भी था और देश के राजा-नवाब तथा जागीरदारों की चिकित्सा में उन्होंने विशेष ख्याति अर्जित की थी। स्वस्थ और नीरोग जीवन के संबंध में उन्होंने जो अनेक पुस्तकें लिखीं, वे सभी अधिकारी विद्वान की रचनाएं होने के साथ-साथ उनके व्यापक अनुभव का निचोड़ भी हैं।
आचार्य चतुरसेन कुशल उपन्यासकार होने के साथ-साथ प्रतिष्ठित चिकित्सक भी थे। चिकित्सा उनका व्यवसाय भी था और देश के राजा-नवाब तथा जागीरदारों की चिकित्सा में उन्होंने विशेष ख्याति अर्जित की थी। स्वस्थ और नीरोग जीवन के संबंध में उन्होंने जो अनेक पुस्तकें लिखीं, वे सभी अधिकारी विद्वान की रचनाएं होने के साथ-साथ उनके व्यापक अनुभव का निचोड़ भी हैं।