Ramcharitmanas (Hindi)

Nonfiction, Religion & Spirituality, Eastern Religions, Hinduism, Philosophy
Cover of the book Ramcharitmanas (Hindi) by Tulsidas, Sai ePublications & Sai Shop
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Tulsidas ISBN: 9781311962485
Publisher: Sai ePublications & Sai Shop Publication: November 16, 2014
Imprint: Smashwords Edition Language: Hindi
Author: Tulsidas
ISBN: 9781311962485
Publisher: Sai ePublications & Sai Shop
Publication: November 16, 2014
Imprint: Smashwords Edition
Language: Hindi

वर्णानामर्थसंघानां रसानां छंदसामपि।
मंगलानां च कर्त्तारौ वंदे वाणीविनायकौ॥ 1॥

अक्षरों, अर्थ समूहों, रसों, छंदों और मंगलों की कर्त्री सरस्वती और गणेश की मैं वंदना करता हूँ॥ 1॥

भवानीशंकरौ वंदे श्रद्धाविश्वासरूपिणौ।
याभ्यां विना न पश्यंति सिद्धाः स्वांत:स्थमीश्वरम्‌॥ 2॥

श्रद्धा और विश्वास के स्वरूप पार्वती और शंकर की मैं वंदना करता हूँ, जिनके बिना सिद्धजन अपने अंत:करण में स्थित ईश्वर को नहीं देख सकते॥ 2॥

वंदे बोधमयं नित्यं गुरुं शंकररूपिणम्‌।
यमाश्रितो हि वक्रोऽपि चंद्र: सर्वत्र वंद्यते॥ 3॥

ज्ञानमय, नित्य, शंकररूपी गुरु की मैं वंदना करता हूँ, जिनके आश्रित होने से ही टेढ़ा चंद्रमा भी सर्वत्र होता है॥ 3॥

सीतारामगुणग्रामपुण्यारण्यविहारिणौ।
वंदे विशुद्धविज्ञानौ कवीश्वरकपीश्वरौ॥ 4॥

सीताराम के गुणसमूहरूपी पवित्र वन में विहार करनेवाले, विशुद्ध विज्ञान संपन्न कवीश्वर वाल्मीकि और कपीश्वर हनुमान की मैं वंदना करता हूँ॥ 4॥

उद्भवस्थितिसंहारकारिणीं क्लेशहारिणीम्‌।
सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोऽहं रामवल्लभाम्‌॥ 5॥

उत्पत्ति, स्थिति (पालन) और संहार करनेवाली, क्लेशों को हरनेवाली तथा संपूर्ण कल्याणों को करनेवाली राम की प्रियतमा सीता को मैं नमस्कार करता हूँ॥ 5॥

यन्मायावशवर्त्ति विश्वमखिलं ब्रह्मादिदेवासुरा
यत्सत्त्वादमृषैव भाति सकलं रज्जौ यथाहेर्भ्रमः।
यत्पादप्लवमेकमेव हि भवांभोधेस्तितीर्षावतां
वंदेऽहं तमशेषकारणपरं रामाख्यमीशं हरिम्‌॥ 6॥

जिनकी माया के वशीभूत संपूर्ण विश्व, ब्रह्मादि देवता और असुर हैं, जिनकी सत्ता से रस्सी में सर्प के भ्रम की भाँति यह सारा दृश्य जगत सत्य ही प्रतीत होता है और जिनके केवल चरण ही भवसागर से तरने की इच्छा वालों के लिए एकमात्र नौका हैं, उन समस्त कारणों से परे राम कहानेवाले भगवान हरि की मैं वंदना करता हूँ॥ 6॥

View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart

वर्णानामर्थसंघानां रसानां छंदसामपि।
मंगलानां च कर्त्तारौ वंदे वाणीविनायकौ॥ 1॥

अक्षरों, अर्थ समूहों, रसों, छंदों और मंगलों की कर्त्री सरस्वती और गणेश की मैं वंदना करता हूँ॥ 1॥

भवानीशंकरौ वंदे श्रद्धाविश्वासरूपिणौ।
याभ्यां विना न पश्यंति सिद्धाः स्वांत:स्थमीश्वरम्‌॥ 2॥

श्रद्धा और विश्वास के स्वरूप पार्वती और शंकर की मैं वंदना करता हूँ, जिनके बिना सिद्धजन अपने अंत:करण में स्थित ईश्वर को नहीं देख सकते॥ 2॥

वंदे बोधमयं नित्यं गुरुं शंकररूपिणम्‌।
यमाश्रितो हि वक्रोऽपि चंद्र: सर्वत्र वंद्यते॥ 3॥

ज्ञानमय, नित्य, शंकररूपी गुरु की मैं वंदना करता हूँ, जिनके आश्रित होने से ही टेढ़ा चंद्रमा भी सर्वत्र होता है॥ 3॥

सीतारामगुणग्रामपुण्यारण्यविहारिणौ।
वंदे विशुद्धविज्ञानौ कवीश्वरकपीश्वरौ॥ 4॥

सीताराम के गुणसमूहरूपी पवित्र वन में विहार करनेवाले, विशुद्ध विज्ञान संपन्न कवीश्वर वाल्मीकि और कपीश्वर हनुमान की मैं वंदना करता हूँ॥ 4॥

उद्भवस्थितिसंहारकारिणीं क्लेशहारिणीम्‌।
सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोऽहं रामवल्लभाम्‌॥ 5॥

उत्पत्ति, स्थिति (पालन) और संहार करनेवाली, क्लेशों को हरनेवाली तथा संपूर्ण कल्याणों को करनेवाली राम की प्रियतमा सीता को मैं नमस्कार करता हूँ॥ 5॥

यन्मायावशवर्त्ति विश्वमखिलं ब्रह्मादिदेवासुरा
यत्सत्त्वादमृषैव भाति सकलं रज्जौ यथाहेर्भ्रमः।
यत्पादप्लवमेकमेव हि भवांभोधेस्तितीर्षावतां
वंदेऽहं तमशेषकारणपरं रामाख्यमीशं हरिम्‌॥ 6॥

जिनकी माया के वशीभूत संपूर्ण विश्व, ब्रह्मादि देवता और असुर हैं, जिनकी सत्ता से रस्सी में सर्प के भ्रम की भाँति यह सारा दृश्य जगत सत्य ही प्रतीत होता है और जिनके केवल चरण ही भवसागर से तरने की इच्छा वालों के लिए एकमात्र नौका हैं, उन समस्त कारणों से परे राम कहानेवाले भगवान हरि की मैं वंदना करता हूँ॥ 6॥

More books from Sai ePublications & Sai Shop

Cover of the book Ghar Jamai Aur Dhikkar (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book 11 Vars Ka Samay (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Pratigya (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Srikanta (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Mansarovar - Part 8 (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Doodh ka Daam Aur Do Bailon ki Katha (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Manovratti Aur Lanchan (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Vikramorvasiyam (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Godaan (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Path Ke Davedar (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Quiz on Information Technology for Grade 9-10 by Tulsidas
Cover of the book Meri Pahli Rachna (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book My Reminiscences by Tulsidas
Cover of the book Mansarovar - Part 1-4 (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Rangbhumi (Hindi) by Tulsidas
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy