काश जीवन समतल होता! जीवन की राह ऊंची-नीची, टेढ़ी-मेढ़ी और संवेदनाओं से भरी हुई है। यह कवितायें, मेरी, आपकी और हम सबके मन की अन्तरदशा का दर्पण हैं :-
किस्मत भी क्या क्या अज़ब से रंग दिखलाती रही,
मैं जितना चलता गया, मंज़िल और सरकती रही,
चल तो लेता मैं और भी, जमीं के उस छोर तलक,
पर उस बेरहम आसमां की नीयत ही बदलती रही।
I always wonder as to why life is not simple. It is not only rough and tough but full of ups and downs and filled with emotions. Human beings are capable of solving material problems but emotions do leave their mark. My poems are a mirror of mine and your internal feelings.
काश जीवन समतल होता! जीवन की राह ऊंची-नीची, टेढ़ी-मेढ़ी और संवेदनाओं से भरी हुई है। यह कवितायें, मेरी, आपकी और हम सबके मन की अन्तरदशा का दर्पण हैं :-
किस्मत भी क्या क्या अज़ब से रंग दिखलाती रही,
मैं जितना चलता गया, मंज़िल और सरकती रही,
चल तो लेता मैं और भी, जमीं के उस छोर तलक,
पर उस बेरहम आसमां की नीयत ही बदलती रही।
I always wonder as to why life is not simple. It is not only rough and tough but full of ups and downs and filled with emotions. Human beings are capable of solving material problems but emotions do leave their mark. My poems are a mirror of mine and your internal feelings.