Karmbhoomi (Hindi Novel)

कर्मभूमि

Fiction & Literature, Psychological
Cover of the book Karmbhoomi (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द, Bhartiya Sahitya Inc.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द ISBN: 9781613010846
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc. Publication: August 30, 2011
Imprint: Language: Hindi
Author: Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
ISBN: 9781613010846
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc.
Publication: August 30, 2011
Imprint:
Language: Hindi
प्रेमचन्द का ‘कर्मभूमि’ उपन्यास एक राजनीतिक उपन्यास है जिसमें विभिन्न राजनीतिक समस्याओं को कुछ परिवारों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। ये परिवार यद्यपि अपनी पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे हैं तथापि तत्कालीन राजनीतिक आन्दोलन में भाग ले रहे हैं। उपन्यास का कथानक काशी और उसके आसपास के गाँवों से संबंधित है। आन्दोलन दोनों ही जगह होता है और दोनों का उद्देश्य क्रान्ति है। किन्तु यह क्रान्ति गाँधी जी के सत्याग्रह से प्रभावित है। गाँधीजी का कहना था कि जेलों को इतना भर देना चाहिए कि उनमें जगह न रहे और इस प्रकार शान्ति और अहिंसा से अंग्रेज सरकार पराजित हो जाए। इस उपन्यास की मूल समस्या यही है। उपन्यास के सभी पात्र जेलों में ठूंस दिए जाते हैं। इस तरह प्रेमचन्द क्रान्ति के व्यापक पक्ष का चित्रण करते हुए तत्कालीन सभी राजनीतिक एवं सामाजिक समस्याओं को कथानक से जोड़ देते हैं। निर्धनों के मकान की समस्या, अछूतोद्धार की समस्या, अछूतों के मन्दिर में प्रवेश की समस्या, भारतीय नारियों की मर्यादा और सतीत्व की रक्षा की समस्या, ब्रिटिश साम्राज्य के दमन चक्र से उत्पन्न समस्याएँ, भारतीय समाज में व्याप्त धार्मिक पाखण्ड की समस्या, पुनर्जागरण और नवीन चेतना के समाज में संचरण की समस्या, राष्ट्र के लिए आन्दोलन करने वालों की पारिवारिक समस्याएँ आदि इस उपन्यास में बड़े यथार्थवादी तरीके से व्यक्त हुई हैं।
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
प्रेमचन्द का ‘कर्मभूमि’ उपन्यास एक राजनीतिक उपन्यास है जिसमें विभिन्न राजनीतिक समस्याओं को कुछ परिवारों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। ये परिवार यद्यपि अपनी पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे हैं तथापि तत्कालीन राजनीतिक आन्दोलन में भाग ले रहे हैं। उपन्यास का कथानक काशी और उसके आसपास के गाँवों से संबंधित है। आन्दोलन दोनों ही जगह होता है और दोनों का उद्देश्य क्रान्ति है। किन्तु यह क्रान्ति गाँधी जी के सत्याग्रह से प्रभावित है। गाँधीजी का कहना था कि जेलों को इतना भर देना चाहिए कि उनमें जगह न रहे और इस प्रकार शान्ति और अहिंसा से अंग्रेज सरकार पराजित हो जाए। इस उपन्यास की मूल समस्या यही है। उपन्यास के सभी पात्र जेलों में ठूंस दिए जाते हैं। इस तरह प्रेमचन्द क्रान्ति के व्यापक पक्ष का चित्रण करते हुए तत्कालीन सभी राजनीतिक एवं सामाजिक समस्याओं को कथानक से जोड़ देते हैं। निर्धनों के मकान की समस्या, अछूतोद्धार की समस्या, अछूतों के मन्दिर में प्रवेश की समस्या, भारतीय नारियों की मर्यादा और सतीत्व की रक्षा की समस्या, ब्रिटिश साम्राज्य के दमन चक्र से उत्पन्न समस्याएँ, भारतीय समाज में व्याप्त धार्मिक पाखण्ड की समस्या, पुनर्जागरण और नवीन चेतना के समाज में संचरण की समस्या, राष्ट्र के लिए आन्दोलन करने वालों की पारिवारिक समस्याएँ आदि इस उपन्यास में बड़े यथार्थवादी तरीके से व्यक्त हुई हैं।

More books from Bhartiya Sahitya Inc.

Cover of the book Neelambara (Hindi Poetry) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Prerak Kahania (Hindi Stories) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Chandrakanta Santati-1 by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Meri Kahaniyan-Agyeya (Hindi Stories) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Banvaasi (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Piya Ki Gali (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-35 by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-30 by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Do Bhadra Purush (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Panigrahan (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Sapt Suman (Hindi Stories) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Panch Phool (Hindi Stories) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Saral Hindi Vyakran (Hindi Grammer) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Panchvati (Hindi Epic) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Krodh (Hindi Religious) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy